Search This Blog

Friday, June 18, 2010

हम तहरा पागल लागत बानी,

हम तहरा पागल लागत बानी,
ना हम पागल ना हाई ,
बाकिर हो जयेम ,
येकर कारन तू होखाबा तू ,
हा तहरा से कहत बानी ,
दिल्ली तहरा से ,
लोक सभा में येताना लोग बा ,
ओमे लगभग हमार लोग ,
१५० से २०० लोग बा ,
तबो हमार इज्जत नइखे ,
जब केहू के इज्जत ना मिली ,
ता उ पागल हो जाई ,
आउर इहे कारन बा ,
की हम पागल हो गइल बानी ,
हमार नाम ,
अब इहो बतावे के परी,
तिरसठ साल हो गइल ,
आजादी के ,
बाकिर अबहियो ,
हमार पहचान नइखे बनत ,
ठीक बा नाम बता देत बानी ,
हमार नाम हा ,
भोजपुरी ,
अब रउआ मजबूर होखेम ,
काहे की हम पागल हो गइल बानी ,

No comments:

Post a Comment