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Thursday, June 24, 2010

आपन दुःख केकरा से कही ,

आपन दुःख केकरा से कही ,
इहा के बाटे सुने वाला ,
हर तरफ अन्धिआर भइल बा ,
धधकत बा दहेज के ज्वाला ,

बेटी के बाप त हमहू बानी ,
बड़ी मुश्किल से पढ़वले बानी ,
हम खइनी आधापेट हरदम ,
बेटी के करौनी हमहू बी कॉम ,

लईका बढ़िया खोजत बानी ,
दहेज़ के बिना बाटे परेशानी ,
अब सोचत बानी काहे पढ़वनी,
जन्मते काहे ना नमक चटवनी,

मर गइल रहित इहो तबही ,
इ परेशानी ना आइत अबही ,
एय लईका वाला तनी बुझs ,
हमहू पढ़वनी तनिका समझs ,

जवन कमाई तुहू पईबs ,
हमरा घरे नाही पेठइबs ,
आउर एक बात बाबू तू जान ,
लईकी लईका में अंतर ना रख ,

लईकी बिन तोहर लईका कुवारा ,
ना मिली दुल्हिन बनी आवारा ,
तब तुहू खूब पछतइबs ,
तब तुहू गुरु के संगे ना पईबs ,

तब तुहू कहबs भाई हमार हो ,
आपन दुःख केकरा से कही ,
इहा के बाटे सुने वाला ||

अपना दुःख किससे कहू मैं ,

अपना दुःख किससे कहू मैं ,
यहा कौन हैं सुनने वाला ,
हर तरफ फैला अन्धियारा ,
धधक रही दहेज की ज्वाला ,

बेटी के बाप तो हमभी हैं ,
बड़ी मुश्किल से पढ़ा पाए ,
हम खाय आधपेट मगर ,
बेटी को हम बी कॉम कराए ,

लड़का बढ़िया खोज रहा हु ,
दहेज़ के बिना हैं परेशानी ,
अब सोचता हु क्यों पढ़ाया ,
जन्मते क्यों नहीं नमक खिलाया ,

मर गई होती ये तब ,
परेशानी ये ना आती अब ,
ये लड़का वालो जरा समझो ,
हम भी पढाये ये तो समझो ,

जो ये कमाएगी तुम पावोगे ,
मेरे घर क्या ? भेजोगे ,
और एक बात बाबू जानो ,
लड़का लड़की में अंतर ना मानो ,

लडकी बिन हर लड़का कुवारा ,
ना मिले दुल्हिन बने आवारा ,
तब आप खूब पछताओगे ,
तब गुरु को साथ ना पावोगे ,

तब आप यही कहते फिरोगे ,
अपना दुःख किससे कहू मैं ,
यहा कौन हैं सुनने वाला ,

Saturday, June 19, 2010

गुरु को फासी कब चढाओगे ,

ओ दिल्ली वालो ,
हमें इतना बताओ ,
हिन्दुस्ता पे जो खाज परे हैं ,
उसको कब मिटाओगे ,
अफजल गुरु को ,
फासी कब चढाओगे ,
हिन्दुस्ता पे बहुत ऐसे खाज हैं ,
उसको मिटाना जरुरी आज हैं ,
मेहमान बनाके कब तक ,
पैसा लुटाओगे ,
अफजल गुरु को ,
फासी कब चढाओगे ,
मेरी नहीं ये ,
देश की मांग हैं ,
आपको तो भोट दीखता ,
हमें हिंदुस्तान हैं ,
हिंद में ख़ुशी का ,
दिन कब लावोगे ,
अफजल गुरु को ,
फासी कब चढाओगे ,
हिन्दू , मुस्लिम ,
सिख . इसाई ,
हिन्दुस्ता के पहचान हैं भाई ,
किशी से पूछो ,
बस यही पाओगे ,
अफजल गुरु को ,
फासी कब चढाओगे ,

पेंडुलम .

पेंडुलम .
पेंडुलम यही समझ रहे हो ना मुझे ,
यही भूल अगली सरकार की थी ,
और तुम्हे मिल गया ये मलाई ,
जिसे बारे प्यार से आपस में ,
बाटकर मस्ती से खा रहे हो ,
हमें चाहिए एक होनहार कर्मनिस्ट,
जो समझे हमें जाने हमें ,
और तुम हो की जानना ही नहीं चाहते ,
लोकतंत्र में युवराज दिखा रहे हो ,
यही ना हमें पेंडुलम समझ कर ,
उल्लू बना रहे हो ,
जिस जनता को तूम उल्लू समझ रहे हो ,
ओ सब जानती हैं ,
कोई पानी तक नहीं मांगता ,
जब ओ मरती हैं ,
अभी कोल्कता को ही देखो ,
क्या हस्र हुआ ,
चेत जाव जिसका खाते हो उसका सुनो ,
नहीं तो तुम ,
पेंडुलम की तरह झूलने लगोगे ,

ना मैं तुलसी हू....

मैं ना तो कोई तुलसीदास
जो दोहावली सजाऊँ,
ना ही मैं कबीर कोई
कि भजनमाल बुन पाऊँ !

सूरदास की भक्ति कहाँ
जो गीत श्याम के गाऊँ,
ओज सुभद्रा सा भी नहीं,
ना टैगोर का सुर बना पाऊँ !

फिर भी दिल में ये चाहत है,
में दिल की बात सुनाऊँ,
और प्यार दोस्तों का कहता है,
में भी कलम उठाऊँ !

मुझमे ऐसा कुछ भी नहीं,
कि में कुछ भी बन जाऊं,
प्यार आपका होगी वजह,
जो कुछ सार्थक कह पाऊँ !

मित्रों की प्रेरणा शक्ति मेरी,
अब कैसे ये समझाऊँ,
थाम के उँगली उन सब की,
शायद मंजिल पा जाऊं !

नहीं दिल में ऐसा शौक़ है,
कि गुरु जी मैं बन जाऊं,
अदना सा रहूँ मैं सदा बना,
बस रवि कुमार कहलाऊँ !

पिचकू पाड़े,

डॉक्टर के पास पहुचे प्यारे प्यारे पिचकू पाड़े ,
बोले डाक्टर साहब क्या काम है पिचकू भाई ,
संग में जो आये बोले, परेशान हैं पिचकू पाड़े ,
बावन जोड़ा पूड़ी रात में ये खाये थे ,
संग में दही तीन किलो उड़ाये थे ,
घर का खाना ये कभी न खाते हैं ,
एक दिन खाकर तीन दिन तक पचाते हैं
सुबह से परेशान हैं, होती हैं खूब दौड़ाई ,
रुक जाये भागम-भाग,जल्दी दे दो कुछ दवाई ,
डाक्टर बोला थोड़ा कम तो खाओ यार ,
उम्र बढ़ी हैं कुछ तो अपना रखो ख्याल ,
डॉक्टर को भी बडे प्यार से समझाए पिचकू पाड़े ,
शादी की मौसम हरदम आती नहीं है डाक्टर प्यारे ,
दवा देना है तो दे दो, नहीं तो हम उपरवाले के सहारे ,
खाना छोड़ूगा नहीं जो फ्री में मिल जाये प्यारे ,
पाच मन का मैं अदना सा प्राणी,
कहते सभी मुझे पिचकू पाड़े,

Friday, June 18, 2010

बाबु जी कहानी,

बाबु जी कहानी,
बेटा पीहीअ ता बढ़िया पिहिअ ,
ना ता मत पीहीअ ,
कहे की पिआला में सिकायत नइखे ,
बरका बरका लोग पिअले बा ,
हम रोज पिहिले ,
अब रौओ लोग हमर बात मानी ,
बढ़िया वाला पीही लोगिन ,
राऊआ पीएम लोगिन ता ,
हो सके हमारा बाबु जी के ,
आत्मा के सन्ति मिले ,
कहे की उहा के कहत रहनी हा ,
कृष्णो जी खूब पिआत रहले हा ,
हमार बात मानी ,
पिआला से नुकसान ना होला ,
बाकिर सोच समझ के ,
बढ़ियावाला पीही ,
बढ़िया मतलब समझत बानी नु ?
की बतावे के पड़ी ,
ता ली जन ली ,
हमार बाबु जी कहत रहनी हा ,
बबुआ दूध मलाई घी दही से बढ़िया ,
कुछ ना होला से इहे पीहीअ ,
हमू इहे पिहिले ,
रौओ लोग इहे पिआब ,

एगो कुकुर के देखनि अईसन लगाल ,

एगो कुकुर के देखनि अईसन लगाल ,
कास हमहू रहती कुकुर जनमल ,
ऐरा गैरा ना उ ता बारे बेकार ,
अलसेसियन बुलडॉग के मिले ला प्यार ,
रोड वालालान के मिलेला दुत्कार ,
सुते के मिलित हमके मलमल ,
कास हमहू रहती कुकुर जनमल ,
चले के साईकिल नइखे टूटल ,
ओढे के टाट नइखे फाटल ,
खाए के नइखे मिळत नून आउर रोटी ,
नहाये में सालो से ना साबुन मिलल ,
कास हमहू रहती कुकुर जनमल ,
चले के मिलित मोटर कार,
नहाये खातिर दूध टाब में मिळत ,
ऊपर से लागी लक्स खस बार बार ,
खाइती हम मांस के टुकरा ,
भगवान अबहु से करा तू सरम ,
कास हमहू रहती कुकुर जनमल ,

हमारा से निक बाटे सेठ जी के कुकुर ,

हमारा से निक बाटे सेठ जी के कुकुर ,
गरिया में जाला देख टुकुर टुकुर ,
पैदल घुमाई ले हमू नहालाई ले ,
ओकरा खातिर आवे ला जावन बिस्कुट ,
चुपके से हमू आपना घरे ले जाई ले ,
लाईका हमार खाले सन भुकुर भुकुर ,
हमारा से निक बाटे सेठ जी के कुकुर ,
बचे ला साबुन फेकी ना हमहू ,
ओकर देह दबावल भूली ना कबहू ,
भूलो से कबो उ जे चिलाला,
हमारा ऊपर आफत आ जाला ,
सेठानी हमके देली खुबे गारी हजूर ,
हमारा से निक बाटे सेठ जी के कुकुर ,
हामी ओकरा खातिर किनेनी खाना ,
ओकरे चलते हमारो खुशाल जमाना ,
पाईले हमहू पंद्रह सौ जे महिना ,
चालित कैसे घर पूरा महिना ,
पाच हजार ले उनके खाना से बचाई ले ,
ओही पाईसवा से लेकन के पढाई ले ,
जिआत रहा तू बनके सेठ जी के नूर ,
हमारा से निक बाटे सेठ जी के कुकुर ,

एक दिन एगो चौराहा पर गाँधी जी से भेट हो गइल ,

एक दिन एगो चौराहा पर गाँधी जी से भेट हो गइल ,
उनकर हालत देख के हमारा बारा अचरज भइल ,
उनकर धोती फाटल रहे,
ठेहुना पर चोट लागल रहे ,
हम पूछनी बापू इ कैसे हो गइल ,
उनकरा आख से आसू आ गइल ,
रोआत रोआत उ हमसे ,
हाथ जोर के कहले ,
बाबुआ जगह जगह से ,
हमार मूर्ति हटवा द पाहिले ,
हम कहानी काहे ,
इ ता रौआ इयाद में लागल बा ,
ता उ कहले ,
चिरैया बीट करत बारीसन ,
ता काहे ना लोग झारत बा ,
उनकर बात सुन के हमार मन खामोश हो गइल ,
फिर सोचनी की कुछ कही बाकिर आख खुल गइल .
हमारा बुझाईल उ सब बिटवा झारे में चोट आ गइल
एक दिन एगो चौराहा पर गाँधी जी से भेट हो गइल ,

नीच कमीना कुत्ता .......... ,

नीच कमीना कुत्ता .......... ,
का का ना गाली बकत रहे ,
लोग के भीर तमासबिन् बन के देखत रहे ,
कुछ लोग ओकरा के कोसत रहे ,
ता कुछ लोग ओकरा पर हसत रहे ,
आउर उ अपने धुन में ,
नीच कमीना कुत्ता .......... ,
का का ना गाली बकत रहे ,
हम पूछनी का भइल ,
येताना काहे गुस्सा बारु ,
समाजो के सोचाs ,
लोग का कही ,
बिना मतलब के चीखत बारु ,
उ हमके गुर्रा के देखलस ,
मुस्कुरा के कहलस ,
हम हाथ जोरात बानी रौआ जाई ,
हमारा लागल हमारा सामने उ झिझ्कत रहे ,
नीच कमीना कुत्ता .......... ,
का का ना गाली बकत रहे ,
एगो पुलिस वाला ओके समझावत रहे .
हम ओकरे से पूछनी का भइल बा भाई ,
ना कुछ दरोगा जी इहा इ करे ले सफाई ,
आज सुबेरे उहा के पि के ,
कर देनी हा हाथ के सफाई ,
तबे से इ गरमाइल बिया ,
अब हमारा इ समझ में आइल ,
की येही से इ ,
नीच कमीना कुत्ता .......... ,
का का ना गाली बकत रहे ,

आफत आवे ला इहा से रौआ जान ली ,

आफत आवे ला इहा से रौआ जान ली ,
हम कहत बानी सच हा इ मान ली ,
नेता के संगे घुमेम ता लोग चमचा मानी ,
पुलिस के संगे घुमेम ता बोली लोग दलाल ,
इंसानियत के राह पर चालबा ता भाई ,
तहरा के जादा लोग आपन दुसमन मानी
आफत आवे ला इहा से रौआ जान ली ,
हम कहत बानी सच हा इ मान ली ,
जबान बदल गइल बा खुद के बदल द ,
चोर के संगे रहबा ता लोग चोर कही ,
हिंदुस्तान के खून में दौरत बा करपसन ,
अब इ बन गइल बा ला इलाज केंसर ,
अब केहू दरोगा बने खातिर लाखो दी ,
ता उ थोरे थोरे का के घुस काहे ना ली ,
बाकिर इ कौ दिन चली पाप के घरा भरी ,
हिंद में एक दिन राम राज आई मान ली ,
आफत आवे ला इहा से रौआ जान ली ,
हम कहत बानी सच हा इ मान ली ,

मांगत बानी हक भीख ना ,

मांगत बानी हक भीख ना ,
इंतजार काइनि साल 60 ,
अब रुकब दिन 30 ना ,
अब ता भोजपुरी के सुनी ,
बिना मतलब के कपार मत धुनी .
बारा सहनशील होले भोजपुरिया ,
बाकिर बात सुनी बाराइ खीस ना ,
मांगत बानी हक भीख ना ,
इ का ठीक बा जवान बच्चा ना रोई ,
ओकरा के ना पूछाइ ,
बरका देखत रही ,
छोटका के खूब खिलावल जाई,
जेतना भोजपुरिया के छेत्र बा
ओमे 30 गो पंजाब 35 गो हरियाणा,
दर्द के भरी उठे दी टिश ना ,
मांगत बानी हक भीख ना ,
ख़ुशी बा मैथली के हक़ मिलल ,
येमे होई मैथली 100 गो ,
बंगला भासा के देखि ,
इहो हो जाई 9 गो ,
कवना कवना के नाम जोराइ ,
का केहू लागे बाटे ,
हिंदी छोर हिंद के भासा ,
और कौन लोग बोलत बाटे ,
अब ना मिली ता होई निक ना .
मांगत बानी हक भीख ना ,

हम तहरा पागल लागत बानी,

हम तहरा पागल लागत बानी,
ना हम पागल ना हाई ,
बाकिर हो जयेम ,
येकर कारन तू होखाबा तू ,
हा तहरा से कहत बानी ,
दिल्ली तहरा से ,
लोक सभा में येताना लोग बा ,
ओमे लगभग हमार लोग ,
१५० से २०० लोग बा ,
तबो हमार इज्जत नइखे ,
जब केहू के इज्जत ना मिली ,
ता उ पागल हो जाई ,
आउर इहे कारन बा ,
की हम पागल हो गइल बानी ,
हमार नाम ,
अब इहो बतावे के परी,
तिरसठ साल हो गइल ,
आजादी के ,
बाकिर अबहियो ,
हमार पहचान नइखे बनत ,
ठीक बा नाम बता देत बानी ,
हमार नाम हा ,
भोजपुरी ,
अब रउआ मजबूर होखेम ,
काहे की हम पागल हो गइल बानी ,

दीप जली ज्योति होई ,

दीप जली ज्योति होई ,
सब कोई हसी केहू ना रोई ,
इ कब होई .
जब हिंदुस्तान में ,
हिंदुस्तान के ,
सोचे वाला
नेता पैदा होई ,
त दीप जली ज्योति होई ,
सब कोई हसी केहू ना रोई ,
अइसन तबो हो सके ला ,
राज अइसन नेता ,
मुह्कर्खी लगा जास ,
नेता जी अइसन बेटा ,
फिर से आ जास ,
कौनो आजाद ,
भगत अइसन रंगदार ,
हिंदुस्तान में होई ,
त दीप जली ज्योति होई ,
सब कोई हसी केहू ना रोई ,
देश के बाटे वाला ,
छोट छोट राजनीती पार्टी ,
अपन छेत्रिये राजनीत के भुला के ,
हिंदुस्तान के इज्जत आपन समझ के ,
हिंद के बिचार अपना ली ,
त दीप जली ज्योति होई ,
सब कोई हसी केहू ना रोई ,

मीरा जी रउरा पीरा के अंत हो जाई,

मीरा जी रउरा पीरा के अंत हो जाई,
जाहीआ भोजपुरी आठवा सूचि में आई ,
राउर बाबु जी जगजीवन बाबु ,
उहो के नामवा साकार हो जाई ,
जाहीआ भोजपुरी आठवा सूचि में आई ,
अइसन अभागा भासा ,
बेटा सुभागा देहलस ,
जेकर ता नाम लेके ,
लोगवा ता आगे बढ़ल,
राजेंदर बाबु के ख़ुशी उहा मिल जाई ,
जाहीआ भोजपुरी आठवा सूचि में आई ,
बोले वाला एतना बेशी ,
एकरा में जान देशी ,
ना जाने काहे करे ,
दिल्ली इ अनदेखी ,
जे पि के मन उहा फूले ना समाई ,
जाहीआ भोजपुरी आठवा सूचि में आई ,

धन्य भाग अजोध्या की राम लेले अवतार ,

धन्य भाग अजोध्या की राम लेले अवतार ,
धन्य भाग समुन्दर के की रावण बसले पार ,
की बोलो जय बोलो ,की बोलो जय बोलो ,
धन्य भाईले केवट ले गईले उनके पार,
संगे सब के ले गईले भव सागर के पार ,
धन्य भाग हनुमान के आइले इनकर काम ,
धन्य भाईले सुग्रीव की मिल गईले हनुमान ,
की बोलो जय बोलो ,की बोलो जय बोलो ,
धन्य भाग अहिल्या की सीता के ओने गाव,
धन्य भाईल जनकपुर की राम के परल पाव ,
धन्य भाग ओ बाईर के जे आइल लछुमन हाथ ,
लागल शक्ति बान ता आइल उनकर काम ,
की बोलो जय बोलो ,की बोलो जय बोलो ,
धन्य भाग बा हमनी के ली ले इनकर नाम ,
इनकर नाम लेला से बने बिगरल काम ,
की बोलो जय बोलो ,की बोलो जय बोलो ,

देखि हल्ला ना करेम ता रउरा कुछ ना मिली ,

देखि हल्ला ना करेम ता रउरा कुछ ना मिली ,
चाही ता खूब चीलाई तबे ता उनकर आसन हिली ,
देखि हल्ला ना करेम ता रउरा कुछ ना मिली ,
इ बात लागु होला लाइ बेवहार में ,
हक़ खातिर लड़ी हो हल्ला करी ,
ना ता केहू राउर ना सुनी ,
रउरा के बिना कम के चीज समझ के ,
केहू पेपर वेट बना दी ,
ना ता केहू रउरा के उल्लू .
या बुरबक ठहरा दी ,
जे जेतने चिल्ला ओकर ओतने वजन बा ,
जे पिछ लग्गू बा ओकरा बारा गजन बा ,
कुछ मत करी बाकिर पर्चा बाटवा दी ,
फलना दिन के फलना ऑफिस के घेराव करे के बा ,
आपना हक़ खातिर हमनी के लड़े के बा ,
हमारा कुछु ना चाही हम रउरा लोगिन खातिर लड़ब ,
ता देखि राउर रुतबा केगन आसमान में खिली ,
देखि हल्ला ना करेम ता रउरा कुछ ना मिली ,

अब हम का कही राउए देख ली ,

अब हम का कही राउए देख ली ,
जमाना के असर भगवानो पर परत बा ,
जेकरा लगे पैसा नइखे लाइन में लागल बा ,
पैसा बा ता पंडित में मुह पर फेक दी ,
अब जाई न भीतर भगवन के नीरेख ली ,
अब हम का कही राउए देख ली ,
लोग कहत बा अब इह अंतर नइखे ,
डर से मंगरुआ के बेटी मंदिर में घुसत नइखे ,
जब कवनो हिमत कर के घुस गइल ,
भगवानो ओकरा के नइखन बचावत ,
ओकरा इजत के तार तार इ बाबा लोग करत बा ,
रवि के बात बुरा लागे रौओ पाव टेक दी ,
अब हम का कही राउए देख ली ,

अइसन सोचले ना रहनी ,

कही बम चले कही गोली ,
केहू खेले खून से होली ,
स्वर्ग में बाईठाल बापू देखे ,
हिंद में इ का हो रहल बा ,
अइसन सोचले ना रहनी ,
अइसन सोचले ना रहनी ,

खून देबा आजादी देहब ,
रहे नेता जी के नारा ,
भारत स्वर्ग से सुन्दर होखे ,
सपना रहे प्यारा ,
उहो स्वर्ग में इहे कहिअन,
अइसन सोचले ना रहनी ,
अइसन सोचले ना रहनी ,

खुद से बढ के देश से प्यार .
सहल लोग उ अत्याचार ,
सपना के साकार करेला ,
फंदा लागल फुल के हर ,
ओहू लोग के आत्मा ,
हो गइल बा परेसान ,
अइसन सोचले ना रहनी ,
अइसन सोचले ना रहनी ,

आज के नेता देश के बेचीं ,
पार्टी बाजी कर कर के ,
कहे रउरा लोग आजाद करवानी ,
देश के खातिर मर मर के ,
रवि अइसन दिन देखे के मिलल ,
मनवा भइल परेसान ,
अइसन सोचले ना रहनी ,
अइसन सोचले ना रहनी ,

आई आई रौआ के कलकाता घुमा दी ,

आई आई रौआ के कलकाता घुमा दी ,
पाहिले चली दछिनेश्वर दरसन करा दी ,
आई आई रौआ के कलकाता घुमा दी ,
उतर में दछिनेश्वरी काली लागले ब्रिज बा बाली,
दछिन में बा कालीघाट काली माई कलकाता वाली ,
अलीपुर में चली चिरिया घर दिखा दी ,
आई आई रौआ के कलकाता घुमा दी ,
मध्य कलकाता धरमताला लगाही बिक्टोरिया ,
तारा मंडल देख ली चली जादू घर के ओरिया ,
बाबु घाट के ओरी चली इडेन गार्डन दिखादी ,
आई आई रौआ के कलकाता घुमा दी ,
बहुत कुछ बाटे कलकाता में हम केतना बताई ,
मेट्रो में चढी टालीगंज दमदम ले ले जाई ,
ओही जा से एअरपोर्ट नाज्दिके बा बता दी ,
आई आई रौआ के कलकाता घुमा दी ,
नाम पर एकरा जयेम मत कर दिही परेशान,
धरमताला में धरम ना होला मिलिहे ढेर बाईमान ,
सोच समझ के चलेम रउरा ना ता केहू फसा दी ,
आई आई रौआ के कलकाता घुमा दी ,

चटिया पर दोस्त्वा बनवलस रे मीठा मीठा बतिया के ,

चटिया पर दोस्त्वा बनवलस रे मीठा मीठा बतिया के ,
हमारा के उहो भार्मवालास रे मीठा मीठा बतिया के ,
कैसे बिसवास करी कबहू ना देखनी ,
बतिया में मीठ बारान सूरत ना निरेखानी ,
मनवा के हमारो बहकावालन रे मीठा मीठा बतिया के ,
चटिया पर दोस्त्वा बनवलस रे मीठा मीठा बतिया के ,
कहेलन तहरा खातिर चाँद ले आइब ,
तोहरा के हमहू लन्दन पेरिश घुमाइब ,
मनवा के इहो गुदगुदावाल रे मीठा मीठा बतिया के ,
चटिया पर दोस्त्वा बनवलस रे मीठा मीठा बतिया के ,
चाही नाही हम उनकर से बोली ,
येही कारन हम चाट नाही खोली ,
मेसेज से आगिया लगवलन रे मीठा मीठा बतिया के ,
चटिया पर दोस्त्वा बनवलस रे मीठा मीठा बतिया के ,

नेट पे होती है बाते ,


नेट पे होती है बाते ,
फिर होती है मुलाकाते ,
यारो दिल की सुनो ,
कहता हु दोस्ती के नाते,
ये तो सुनहरा मौका ,
देता हैं (ओ बी ओ )
प्यार से मिलो और ,
प्यार में ही जिओ ,
गुरु के संग गणेश जी ,
और सतीश जी ,
पावन स्थल पटना,
मंदिर महाबीर की ,
तीनो जो हम मिले ,
दोस्ती दिल के खिले ,
लगता नहीं था यारो ,
पहली बार हम मिले ,
बरसो की दोस्ती हो ,
हो बरसो से मिलते रहे ,
दिल में बहुत हैं बाते ,
और मैं क्या कहू ,
जिस दिन होगी मुलाकाते ,
ओ दिन तो मैं गिनू ,
नेट पे होती है बाते ,
फिर कब होगी मुलाकाते ,

भूल बोली ता राउआ बोलेम,

भूल बोली ता राउआ बोलेम,
हमारा बतिया के रउरा तोलेम ,
दुगो बरका बतिआवत होखस ,
बिच में मत टपक जयेम ,
दुगो महाबली लड़त होखस ,
ओ में टांग मत आरायेम ,
केहू के झगरा मत किनेम ,
खुद के रउरा बचायेम ,
भूल बोली ता राउआ बोलेम,
जब ले पैसा लगे बाटे ,
रउरा इज्जत पायेम,
हाथ के फक्कर हो गईनि ता ,
कही से इज्जत ना पायेम ,
नून रोटी खाली राउआ .
दुःख केहू के मत बतालायेम .
भूल बोली ता राउआ बोलेम,
आपन इज्जत अपने हाथ में ,
बाटे इ जान जाई,
एकरा के ढील कईनि ता ,
जग में होई हँसाइ ,
केहू कुछु दिही ना ,
उल्टा मजाक के पात्र बन जाएम,
भूल बोली ता राउआ बोलेम,

कबहू ना मिलनी तोहके ना देखनी तबहू करीले प्यार ,

कबहू ना मिलनी तोहके ना देखनी तबहू करीले प्यार ,
नेटिये पर मिलालू बतिया जे कईलू तोहरा पर बाटे एतबार ,
लिखेलु जे कुछाऊ मनवा के भावेला करेला तोहपे एतबार .
कबहू ना मिलनी तोहके ना देखनी तबहू करीले प्यार ,
आइले नेट पर तू जे ना रहेलू ,
मनवा तरप उठे कहवा तू गइलू ,
छुट्टी के दिनवा भाइले पहार हो ,
मनवा बोलेला कब बीती इतवार हो ,
सोमवार के जब खोलिले पि सी मिलेला मेसेज तोहर ,
कबहू ना मिलनी तोहके ना देखनी तबहू करीले प्यार ,

आई मिल के बनावल जाव सुन्दर हिंदुस्तान ,

आई मिल के बनावल जाव सुन्दर हिंदुस्तान ,
पाहिले निकाल दिआव ,
आफसर साही से करप्सन ,
ओकरा बाद ,
छोट पार्टियान से छेत्रियेपन,
तब ,
नेता लोग मेसे गुंडा ,
आगे ,
पुलिस से घूसखोरी ,
बाजार से ,
मिलावट ,
इ सब कईला पर,
हिंदुस्तान आपने आप सुन्दर हो जाई ,

पईसा पईसा पईसा इ पईसा अइसन बा ,

पईसा पईसा पईसा इ पईसा अइसन बा ,
पईसा के पीछे देखि इ दुनिया भागत बा ,
पईसा पईसा पईसा इ पईसा अइसन बा ,
बीबी जबे प्यार करी जब पईसा देबा तू ,
दुनिया इ सलाम करी जब पईसा देबा तू ,
गाव नगर करी चर्चा जब पईसा देबा तू ,
पाईबा इहा इज्जत जब पईसा देबा तू ,
पईसा अब भाई भगवान के जाईसन बा ,
पईसा पईसा पईसा इ पईसा अइसन बा ,
बेटा के तू चाह बनाई डाक्टर या इंजिनियर ,
चाहे बेटी खातीर दामाद खोज तुहू डियर ,
एकरा खातीर पईसा चाही पईसा के तू चिन्ह ,
एकरा खातीर जान लगा द एकरा खातीर जीह ,
पईसा भाईया अब त इ जान के जाईसन बा ,
पईसा पईसा पईसा इ पईसा अइसन बा

चाहे जमाना बदल जाई हम तोहके चहेम हो ,

चाहे जमाना बदल जाई हम तोहके चहेम हो ,
मरते दम तक तोहे गोरिया मन में बसयम हो ,
चाहत रहा तू हमके सजनवा हम इहे त चहेम हो ,
सातो जनम हम त सजनवा तोहरे के मांगब हो,
खाई के किरिया कही ले गोरिया हम इहे चहेम हो ,
मरते दम तक तोहे गोरिया मन में बसयम हो ,
हमरा से एतना प्यार करे ला बरा डर मोहे लागेला ,
हमके भुलाइब बलमा तू त हम मार जयेम हो ,
मरते दम तक तोहे गोरिया मन में बसयम हो ,
बाबा से मोर इहे अरजिया चैन से कटे जिनिगिया ,
जैसे आज चाहत बार चाह हर दम संघतिया ,
हमारा पर बिसवास कर कबो इ ना भुलायेम हो ,
मरते दम तक तोहे गोरिया मन में बसयम हो ,
सातो जनम हम त सजनवा तोहरे के मांगब हो,

Thursday, June 17, 2010

बाबूजी रहती ता का कहती ,

बाबूजी रहती ता का कहती ,
इ सवाल हमारा मन में बार बार आवत बा ,
बात ओ बेर के हा जब हम पढ़त रहनी ,
स्कुल छोर के खुबे सिनेमा देखत रहनी ,
केहू कहलस तू केकरा से कम बार ,
कोसिस करब ता एक्टर बन जइबा,
अभी इहा केहू नइखे पूछत ,
बाद में खूब पूछाइबा ,
हमहू आव देखनी न ताव,
बोर्ड के परीक्षा डेल्ही रहनी ,
ध लेनी मुंबई के राह,
उहा भीर में भुला गईनी,
जे गाँव में हीरो लागत रहे ,
खुद के एक दम बेचारा पाईनी ,
अब हमर हालत हो गइल रहे ,
साप छुछुंदर वाला ,
अब ना गाँव जा सकेनी ,
ना एक्टर बननी पढाई बिच में लटक गइल ,
बाबूजी कहे लगनी हमर बेटा बिगर गइल ,
केहू उहा के सुझाव देहलस बिआह करा द ,
और हम सांसारिक बंधन में बाधा गईनी ,
हमारा अन्दर के एक्टर कसमसाये लागल ,
एगो डायरेक्टर हम पर नजर परल ,
उनकर फिलिम में एगो करेक्टर रहल ,
हम आइल रहनी हीरो या भिलेन बने ,
उ हमारा के हीरो के बाप बना देले ,
हमारा सपना के साकार बना देले
अब इहे सोचत बानी बाबु जी रहती ता का कहती ,

आई खेल खेलल जाव लोग के उल्लू बनावे के ,

आई खेल खेलल जाव लोग के उल्लू बनावे के ,
पाहिले हाई फाई प्रोफाइल बनाई संगे दोस्त बनावे के ,
जेतना ज्यादा हो सके ओतना बरका दिखावे के ,
सबसे बढ़िया काम होई कवनो मीडिया के अपनावे के ,
आई खेल खेलल जाव लोग के उल्लू बनावे के ,
सब से पाहिले मीडिया वाला हमके हीरो बनाई ,
चमके लगाब सितारन जैसन केहू से माखन लगवाइब ,
आपने आपे फसिहन रवि त कहेब तू रहबा गीत कर भाई ,
बोला केतना पैसा खर्चा करबा एल्बम देहब बनवाई .
बाकिर एगो सरत रही केहू के नइखे बतावे के ,
आई खेल खेलल जाव लोग के उल्लू बनावे के ,

हल्ला मचल बा चारू ओर हो गइल बाटे शोर ,

हल्ला मचल बा चारू ओर हो गइल बाटे शोर ,
बरका बरका के अब ता लोग कहत बा चोर ,
हल्ला मचल बा चारू ओर हो गइल बाटे शोर ,
कुछु करा भाई सुना आपना लोग पर रहम कर ,
छोरा लूटल उल्टा पुल्टा मेहनत से हाथ गरम कर,
तहरा पर दरमोदार रहल ह हो गिला कमजोर ,
भाई हो तू तनी बच रहिया आदत बा तहरो बिजोर ,
हल्ला मचल बा चारू ओर हो गइल बाटे शोर ,

आदमी के जंगल में आई खोजल जाओ इन्सान ,

आदमी के जंगल में आई खोजल जाओ इन्सान ,
केहू से केहू के मतलब नईखे भुलाई बा पहचान ,
आदमी के जंगल में आई खोजल जाओ इन्सान ,
मॉल बाटे रउरा लगे जीजा का साला मिल जाईहे ,
फटे हाल जे रउरा बानी केहू ता जीजा ना बनिहे ,
समय आई ता मालूम पारी के के राउर आपन बा ,
समय से बरका केहू नइखे रही ओकरे जे बचल बा ,
दोस्त बन के बैठाल बा बरका बरका नाग सामान ,
आदमी के जंगल में आई खोजल जाओ इन्सान ,

जिन्दगी एगो जुआ ह

जिन्दगी एगो जुआ ह
एकरा के खिचे के पड़ी
चाहे थक हaर के
चाहे प्यार से
चाहे मज़बूरी में
चाहे मस्ती में
चाहे अघात में
चाहे जज्बात में
इ कुछ ना समझे
इ त भगवन के बंधुआ ह
जिन्दजी एगो जुआ ह
एकरा के खिचे के पड़ी

आई भोजपुरी खातिर कुछ काइल जाव,

आई भोजपुरी खातिर कुछ काइल जाव,
केतना बढिया सोच केतना बढ़िया शब्द ,
आब सवाल उठा ता की का काइल जाव ,
भोजपुरिया भाई लोग के आपस में जोरी ,
प्यार के पाठ पढाई नफ़रत के छोरी ,
आपना भासा के जे लोग बेइजत करत बा ,
उनकरा के समझाई की इ काम छोरी ,
आई भोजपुरी खातिर कुछ काइल जाव,
केतना बढिया सोच केतना बढ़िया शब्द ,

अब ना ता कबो ना ,

अब ना ता कबो ना ,
भाई जान ला हम सही कहत बानी ,
आब ना ता कबो ना ,
आवा आवाज उठावा हम तहरा संगे बानी ,
अबकिर पिछुईला ता भाई पछ्तैबा ,
और केहू बोलबे ना करी हम खुल के कहत बानी ,
अब ना ता कबो ना ,
कवनो एगो पागल के आपन बनवाला ,
उ तहरा मति के बिगार दी ,
तहरा के जाती के नाम पर ,
देश द्रोही वाला कम करवा दी ,
आपने त मुख मंत्री या कौनो मंत्री बानी ,
तहरा के जतिबाद के चक्कर में फसा दी ,
तब तू एने के रहब ना ओने के ,
ये भाई देश के सोच ओकरा खिलाफ आवाज उठा द ,
अब ना ता कबो ना ,

का करिहन टीना संगे लीना बोली ना समझके ,

इ का गजब कर देहनी अईसन कानून बनके ,
का करिहन टीना संगे लीना बोली ना समझके ,
का इ चक्कर पपुलेसन के कम करावे वाला बा ,
इ त कौनो पढ़ल लिखल भइल दिमाग दिवाला बा ,
पार्क में माहौल बिगर जाई त का करी पुलिस आ के ,
का करिहन टीना संगे लीना बोली ना समझके ,
अमर के जब प्यार हो जाई उ लालन के पुच्करियन ,
इ देख के ललिता बबिता खुद के ना सवारिहन .
पंडित जी जब पतरा लेके कुंडली चलिहे मिलावे ,
लाईका बोली छोरी इ सब रउरा लगे लाईका बावे ,
पंडित जी चकरा जाईहान इ दुल्हिन या दुल्हाके ,
का करिहन टीना संगे लीना बोली ना समझके ,

काल्ह उनकरा से मुलाकात होई ,

एगो भाई के बीआह ठीक हो गइल गाव से फोन आइल की लइकी कोलकाता में रहे ले ओ लोग के एतराज नइखे तू जाके देख सके ला उ लोग लइकी के बाप के फोन नंबर देलाख लोग इ बात कईलान उ लोग काल आवे के कह देहलस अब इनकार हालत का भइल इहा देखि ......

कईसे कटी रात कब भोर होई ,
काल्ह उनकरा से मुलाकात होई ,
मन में बसल बाटे अइसन सुरतिया ,
ना देखले बानी कईसन बारी संघतिया ,
समझ में ना आवे उनसे का बात होई ,
काल्ह उनकरा से मुलाकात होई ,
फोनवा करी इहो मन कहात बाटे ,
अउरु इ चाहे आजे मिली जाके ,
मिलिहन त कहब मनावा के बतिया ,
देखनी ना तबो बसल आख में सुरतिया ,
आज सपना में उन्कारो साथ होई ,
काल्ह उनकरा से मुलाकात होई ,,
सपना में सजनी आइसे तू आव ,
आव आव रानी हमारा मनवा में आव ,
उनके देखे खातीर मन के समझाई ले ,
भगवान से हमहू इहे गोहराइ ले ,
सुनिहन प्रभु तब मौसम साफ होई ,
काल्ह उनकरा से मुलाकात होई ,