Search This Blog

Friday, June 18, 2010

देखि हल्ला ना करेम ता रउरा कुछ ना मिली ,

देखि हल्ला ना करेम ता रउरा कुछ ना मिली ,
चाही ता खूब चीलाई तबे ता उनकर आसन हिली ,
देखि हल्ला ना करेम ता रउरा कुछ ना मिली ,
इ बात लागु होला लाइ बेवहार में ,
हक़ खातिर लड़ी हो हल्ला करी ,
ना ता केहू राउर ना सुनी ,
रउरा के बिना कम के चीज समझ के ,
केहू पेपर वेट बना दी ,
ना ता केहू रउरा के उल्लू .
या बुरबक ठहरा दी ,
जे जेतने चिल्ला ओकर ओतने वजन बा ,
जे पिछ लग्गू बा ओकरा बारा गजन बा ,
कुछ मत करी बाकिर पर्चा बाटवा दी ,
फलना दिन के फलना ऑफिस के घेराव करे के बा ,
आपना हक़ खातिर हमनी के लड़े के बा ,
हमारा कुछु ना चाही हम रउरा लोगिन खातिर लड़ब ,
ता देखि राउर रुतबा केगन आसमान में खिली ,
देखि हल्ला ना करेम ता रउरा कुछ ना मिली ,

No comments:

Post a Comment