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Friday, June 18, 2010

चटिया पर दोस्त्वा बनवलस रे मीठा मीठा बतिया के ,

चटिया पर दोस्त्वा बनवलस रे मीठा मीठा बतिया के ,
हमारा के उहो भार्मवालास रे मीठा मीठा बतिया के ,
कैसे बिसवास करी कबहू ना देखनी ,
बतिया में मीठ बारान सूरत ना निरेखानी ,
मनवा के हमारो बहकावालन रे मीठा मीठा बतिया के ,
चटिया पर दोस्त्वा बनवलस रे मीठा मीठा बतिया के ,
कहेलन तहरा खातिर चाँद ले आइब ,
तोहरा के हमहू लन्दन पेरिश घुमाइब ,
मनवा के इहो गुदगुदावाल रे मीठा मीठा बतिया के ,
चटिया पर दोस्त्वा बनवलस रे मीठा मीठा बतिया के ,
चाही नाही हम उनकर से बोली ,
येही कारन हम चाट नाही खोली ,
मेसेज से आगिया लगवलन रे मीठा मीठा बतिया के ,
चटिया पर दोस्त्वा बनवलस रे मीठा मीठा बतिया के ,

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