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Thursday, June 17, 2010

काल्ह उनकरा से मुलाकात होई ,

एगो भाई के बीआह ठीक हो गइल गाव से फोन आइल की लइकी कोलकाता में रहे ले ओ लोग के एतराज नइखे तू जाके देख सके ला उ लोग लइकी के बाप के फोन नंबर देलाख लोग इ बात कईलान उ लोग काल आवे के कह देहलस अब इनकार हालत का भइल इहा देखि ......

कईसे कटी रात कब भोर होई ,
काल्ह उनकरा से मुलाकात होई ,
मन में बसल बाटे अइसन सुरतिया ,
ना देखले बानी कईसन बारी संघतिया ,
समझ में ना आवे उनसे का बात होई ,
काल्ह उनकरा से मुलाकात होई ,
फोनवा करी इहो मन कहात बाटे ,
अउरु इ चाहे आजे मिली जाके ,
मिलिहन त कहब मनावा के बतिया ,
देखनी ना तबो बसल आख में सुरतिया ,
आज सपना में उन्कारो साथ होई ,
काल्ह उनकरा से मुलाकात होई ,,
सपना में सजनी आइसे तू आव ,
आव आव रानी हमारा मनवा में आव ,
उनके देखे खातीर मन के समझाई ले ,
भगवान से हमहू इहे गोहराइ ले ,
सुनिहन प्रभु तब मौसम साफ होई ,
काल्ह उनकरा से मुलाकात होई ,

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