अधुरा जीवन जिऊँ ,
अब किस के लिए ?
तू उनका ही नहीं हुआ .
जिन्होंने तुझे जन्म दिया,
बोल जी रहा हैं तू ,
अब किस के लिए ?
पैसा सब कुछ नहीं हैं ,
मगर पैसा ना हो ,
तो कुछ भी नहीं हैं ,
और तू पैसे के लिए ,
घरवार छोड़ दिया ,
तू आया साथ लाया ,
अपने बीबी और बच्चो को ,
उनको छोड़ दिया ,
सपने में भी उनको ,
एक गिलास पानी दिया ,
वो तुम्हारे पैसे को नहीं ,
तुम्हारी राह देखते हैं ,
उनके इस अधूरे जीवन के ,
तुम बस तुम जिम्मेवार हो ,
जब तुम्हारे बच्चे चले जायेंगे ,
इसी तरह से तुम्हे छोड़ कर ,
तो फिर मत सोचना ,
अधुरा जीवन जिऊँ ,
अब किस के लिए ?
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