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Saturday, August 6, 2011

चलो गावं की ओर

बहुत रुलाया शहर ,
दिया फिजा में जहर घोल ,
खुश रहना हैं तो यारो ,
चलो गावं की ओर .
हर तरफ हैं मोटर ,
जो शोर मचाती हैं ,
कसम से यारो दिन क्या ,
रातों को नींद नहीं आती हैं ,
प्यारा नहीं लगता हैं
यारा यहा का भोर ,
खुश रहना हैं तो यारो ,
चलो गावं की ओर ,
यहाँ के तलाब को देखो ,
कितना गन्दा पानी हैं ,
चले जावो किसी बस्ती में ,
हर तरफ परेशानी हैं ,
खुशियाँ तो सिमट गई हैं ,
ऊँची मंजिल की ओर ,
खुश रहना हैं तो यारो ,
चलो गावं की ओर ,
एक घर में पहुच गया ,
समझा देख के अन्दर का मंजर
शहर हैं पैसे वालो का ,
क्या ठाठ हैं उसके अन्दर ,
कितना सुन्दर तलाब बना ,
स्विमिंग पुल कहलाता हैं ,
बच्चो को देखा मैंने ,
पैसा देकर पार्क में जाता हैं ,
हम गरीबो के पास ,
नहीं हैं इसका तोड़ ,
खुश रहना हैं तो यारो ,
चलो गावं की ओर .

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