गुरु जी के कवितायेँ
आई मिल के बनावल जाव सुन्दर हिंदुस्तान ,
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Monday, September 5, 2011
गुरु
गुरु
एक यैसा शब्द ,
जिसे सुनते ही ,
हाथ जुड़ जाते हैं ,
सर झुक जाते हैं ,
पाव रुक जाते हैं ,
और मुख से ,
निकलता हैं ,
बस एक ही शब्द ,
प्रणाम सर ,
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